यहां पर राम व रावण की सेना के बीच युद्ध का आयोजन किया गया।
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हाथी, घोड़े और रथों की विशिष्ट गतियों से युद्ध का आयोजन करना ' कला ' है।
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एक स्थानीय महिला पद्मा जैन ने कहा कि दशमी के दिन यहाँ राम-रावण युद्ध का आयोजन होता है।
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एक स्थानीय महिला पद्मा जैन ने कहा कि दशमी के दिन यहाँ राम-रावण युद्ध का आयोजन होता है।
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ओह, अधबीच अटके लेखन के आगे की अवचेतना के झीने परदों के गुंठनों को सलझाना क्या एक आंतरिक, मर्मांतक अंतहीन युद्ध का आयोजन नहीं?
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वहां प्रतीकात्मक रूप में राम-रावण युद्ध का आयोजन हुआ और रावण दहन के साथ लोगों ने भगवान राम पर पुष्प वर्षा की और और आरती उतारी।
7.
पौराणिक मान्यता है कि गांव को श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए हर साल दशहरे पर गांव में इस युद्ध का आयोजन किया जाता है, स्थानीय भाषा में इसे पाइता पर्व कहते हैं।
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उत्तरांचल के चम्पावत ज़िले के देवीधूरा में राखी-पर्व पर बाराही देवी को प्रसन्न करने के लिए पाषाणकाल से ही पत्थर युद्ध का आयोजन किया जाता रहा है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘बग्वाल' कहते हैं।
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उत्तरांचल के चम्पावत जिले के देवीधूरा में राखी-पर्व पर बाराही देवी को प्रसन्न करने के लिए पाषाणकाल से ही पत्थर युद्ध का आयोजन किया जाता रहा है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘बग्वाल' कहते हैं।
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उत्तरांचल के चम्पावत जिले के देवीधूरा में राखी-पर्व पर बाराही देवी को प्रसन्न करने के लिए पाषाणकाल से ही पत्थर युद्ध का आयोजन किया जाता रहा है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘ बग्वाल ' कहते हैं।